नई दिल्ली। गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) निवेशकों को आकर्षित करने में लगातार विफल रहे हैं। इसके कारण निवेशकों ने 2015-16 में 903 करोड़ रुपए निकाले। इस तरह यह लगातार तीसरा वित्त वर्ष है, जब निवेशकों ने गोल्ड ETF में बिकवाली की है। पैसे निकालने की रफ्तार हालांकि पिछले दो साल के मुकाबले 2015-16 में कम रही।
निवेशकों ने निकाले 903 करोड़ रुपए
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एंफी) के पास उपलब्ध ताजा आंकड़े के मुताबिक गोल्ड ETF से 31 मार्च को समाप्त पिछले वित्त वर्ष के दौरान 903 करोड़ रुपए की निकासी हुई। जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1,475 करोड़ रुपए की निकासी हुई। वित्त वर्ष 2013-14 में कोष से 2,293 करोड़ रुपए की निकासी हुई। गोल्ड फंड की परिसंपत्ति का आधार मार्च 2016 में घटकर 6,346 करोड़ रुपए रह गया जो मार्च 2015 के अंत तक 6,665 करोड़ रुपए था।
सोने की कीमतों में गिरावट से मोह हुआ भंग
क्वांटम एएमसी के सीनियर फंड मैनेजर (वैकल्पिक निवेश) चिराग मेहता ने कहा, सोने की कीमत में 2012 तक तेजी दर्ज हो रही थी और निवेशकों ने सोने से रिकार्ड फायदे की उम्मीद में सोना खरीदा। सोने की कीमत घटने से निवेशक निराश होकर इससे बाहर निकल गए। उन्होंने कहा, शेयर में सितंबर 2013 से तेजी आई और निवेशकों का रुझान अन्य परिसंपत्ति बाजारों से शेयर की तरफ बढ़ा। उन्होंने कहा कि हालांकि निकासी कम हुई है क्योंकि ज्यादातर मुनाफा से निराश निवेश गोल्ड ETF से निकल चुके हैं। पिछले कुछ समय से गोल्ड ETF की मांग लगातार घट रही है। इन प्रोडक्ट की निकासी हो रही है क्योंकि सोने की कीमत घट रही है और निवेशकों को शेयर से ज्यादा लाभ हो रहा है।