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Covid-19 ने बढ़ाई Gold ETFs की चमक, इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से जारी होगी साधारण व हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी

कोरोना वायरस महामारी के बीच दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मंदी की गिरफ्त में हैं। इसके बीच गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण बढ़ा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 12, 2020 15:27 IST
Gold ETFs log inflow for 5th month on trot amid COVID-19 - India TV Paisa
Photo:DNAINDIA

Gold ETFs log inflow for 5th month on trot amid COVID-19 

नई दिल्‍ली। गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में अगस्त में 908 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। यह यह लगातार पांचवां महीना है जबकि गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा है। कोरोना वायरस महामारी के बीच दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मंदी की गिरफ्त में हैं। इसके बीच गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण बढ़ा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार अगस्त के निवेश के साथ जनवरी से अगस्त के दौरान गोल्ड ईटीएफ में कुल 5,356 करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है।

आंकड़ों के अनुसार निवेशकों ने अगस्त में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 908 करोड़ रुपए डाले। जुलाई में गोल्ड ईटीएफ में 921 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। मासिक आधार पर देखा जाए, तो निवेशकों ने जनवरी में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 202 करोड़ रुपए का निवेश किया। फरवरी में उन्होंने 1,483 करोड़ रुपए डाले। लेकिन मार्च में 195 करोड़ रुपए की निकासी की गई। इसके बाद अप्रैल में फिर 731 करोड़ रुपए, मई में 815 करोड़ रुपए और जून में 494 करोड़ रुपए का निवेश किया गया।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अगस्त में सोने के दाम अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचे। इससे निवेशकों को पीली धातु में निवेश के लिए एक अच्छा प्रवेश का अवसर मिला।

बीमा पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी करने की अनुमति

बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा ने साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को अब पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी करने की अनुमति दे दी है। इरडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भविष्य में बीमा पॉलिसी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी करने का ही नियम बन जाएगा। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के गैर-जीवन बीमा सदस्य टी एल अलामेलू ने उद्योग जगत के एक कार्यक्रम में कहा कि बीमा क्षेत्र में पॉलिसी धारकों और अन्य संबद्ध पक्षों के मामले में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जहां तक नियामक की बात है, अभी काफी काम किए जाने हैं। हम लगातार यह देख रहे हैं कि क्या किए जाने की आवश्यकता है, केवल पॉलिसी धारकों के लिए ही नहीं बल्कि बीमा क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों के मामले पर हम गौर कर रहे हैं। कुछ कदम जो हमने उठाए हैं वह स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र से जुड़े हैं। अलामेलू ने उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा नेशनल ई-समिट हेल्थ इंश्योंरेंस अंडर कोविड अटैक को संबोधित करते हुए कहा कि कल आप सभी ने देखा होगा कि अब हम बीमा कंपनियों को प्रस्ताव के रूप में ई-पॉलिसी जारी करने की अनुमति दे रहे हैं। मेरा मानना है कि यह समय की जरूरत है। धीरे धीरे इसमें मध्यवर्ती इकाइयों, एजेंटों और पॉलिसीधारकों के बीच दूर रहकर ही काम करने का माहौल बनेगा। हम जल्द से जल्द ऐसी प्रणाली अपनानी होगी जहां यह नया नियम बन जाएगा।

 उन्होंने एजेंटों और अन्य को डिजिटल तरीके से काम करते हुए उसमें कार्टून, चित्रकारी आदि का इस्तेमाल करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीमा उत्पादों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि इरडा तंदुरूस्ती, स्वास्थ्य को बीमा पॉलिसी पैकेज का एक हिस्सा बनाने पर गौर कर रही है। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और स्वास्थ्य बीमा को लेकर बढ़ती जागरूकता के बारे में उन्होंने कहा कि मार्च से जुलाई 2020 की अल्पावधि में ही घरेलू बीमा बाजार में 27 से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

 

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