नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के कारण छाई आर्थिक मंदी तथा अमेरिकी डॉलर में सुस्ती के चलते साल 2020 में निवेशकों ने सोने में जमकर निवेश किया। जिसका असर गोल्ड ईटीएफ पर भी देखने को मिला है। बीते साल के दौरान सुरक्षित निवेश के तौर पर स्वर्ण आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेशकों का आकर्षण बढ़ने से गोल्ड- ईटीएफ में 6,657 करोड़ रुपये का भारी-भरकम शुद्ध निवेश किया गया। इससे पहले साल 2019 में स्वर्ण ईटीएफ में महज 16 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश देखने को मिला था। हालांकि, 2019 में लगातार छह साल की शुद्ध निकासी के बाद गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध खरीदारी देखने को मिली थी, जो साल 2020 में कोरोना संकट की वजह से और तेज हो गई।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2020 के अंत तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधनाधीन कुल संपत्ति साल भर पहले के 5,768 करोड़ रुपये की तुलना में दो गुना से अधिक बढ़कर 14,174 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी। पिछले साल यानी 2020 के दौरान सोना निवेशकों के लिये सुरक्षित निवेश तथा सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले साधनों में से एक बनकर उभरा। इसी कारण निवेशकों ने 2020 में 14 स्वर्ण ईटीएफ में 6,657 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। पूरे 2020 के दौरान देखें तो मार्च और नवंबर महीने को छोड़ शेष सभी महीने के दौरान स्वर्ण ईटीएफ में शुद्ध निवेश देखा गया। शुद्ध निवेश से तात्पर्य ईटीएफ की बिक्री करने वालों के मुकाबले खरीदार अधिक रहे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के शोध प्रबंधक व सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते आयी आर्थिक मंदी, अमेरिका डॉलर में नरमी तथा अमेरिका-चीन के बीच तनाव जैसे कई कारकों के कारण निवेशक स्वर्ण इटीएफ की ओर आकर्षित हुए। कोरोना संकट की वजह से ही साल 2020 के दौरान सोने और चांदी के दाम अब तक के रिकार्ड स्तरों पर पहुंचे थे, ऊंचे रिटर्न को देखते हुए ही ईटीएफ में निवेश बढ़ा है।