नई दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सात प्रतिशत योगदान देने वाला रत्न एवं आभूषण उद्योग कोरोना वायरस की वजह से लागू बंदी के चलते पूरी तरह ठहर गया है। इंडियन चैंबर आफ कॉमर्स का मानना है कि इस संकट के चलते 2020 में आभूषणों और सोने की मांग में 30 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। ICC ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि आभूषण उद्योग की मांग काफी हद तक शादी-ब्याह के सीजन पर टिकी होती है। कोरोना वायरस की वजह से इस तरह के आयोजन रद्द हो गए हैं और शादी-ब्याह के लिए खरीदारी बंद हो गई है। बयान में कहा गया है कि 2020 में सोने की मांग 700 से 800 टन रहने का अनुमान लगाया गया था। कोरोना वायरस फैलने से पहले ही कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से मांग प्रभावित हुई थी।
भारत की सोने की सालाना औसत मांग 850 टन के करीब रहती है। आईसीसी ने कहा कि वायरस का रोजगार और आमदनी पर काफी नकारात्मक असर पड़ेगा। कोविड-19 की वजह से रत्न एवं आभूषण उद्योग की आर्थिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई है। लेकिन इसका सबसे अधिक असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है जो बंदी की वजह से बेरोजगार हो गए हैं। इस उद्योग में करीब 50 लाख लोग कार्यरत हैं।
आईसीसी ने कहा कि इसके अलावा क्षेत्र के समक्ष कई अनुपालन से जुड़े मुद्दे मसलन अग्रिम कर भुगतान, स्वर्ण धातु कर्ज की परिपक्वता तिथि और स्वर्ण धातु ऋण पर ब्याज भुगतान आदि भी हैं। संकट की इस स्थिति के मद्देनजर चैंबर ने सरकार से उद्योग के लिए राहत उपायों की मांग की है। इनमें अग्रिम कर भुगतान के लिए कम से कम 180 दिन देना और स्वर्ण धातु ऋण को कम ब्याज दर पर आगे ले जाने की अनुमति देना शामिल है।