नई दिल्ली। सरकार की सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम को जनता का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को ट्वीटर पर यह जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम में 246 करोड़ रुपए मूल्य का 917 किलो पेपर गोल्ड खरीदने के लिए कुल 63,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं। एक नवोन्मेषी उत्पाद के लिए यह एक अच्छा रिस्पॉन्स है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पहली किस्त के रूप में बांड के लिए 5 से 20 नवंबर तक आवेदन मांगे थे और 26 नवंबर को बांड जारी किए जाने थे। लेकिन अब बांड जारी करने की तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है। गोल्ड बांड के लिए आवेदन बैंकों और डाकघरों के जरिये जमा किए गए थे। गोल्ड बांड स्कीम में निवेशक को 2.75 फीसदी ब्याज दर की पेशकश की गई है और निवेशक न्यूनतम 2 ग्राम से लेकर अधिकतम 500 ग्राम मूल्य का गोल्ड बांड खरीद सकता है।
सोने की गिरती कीमतें इस स्कीम को चोट पहुंचा सकती हैं। सरकार ने भौतिक गोल्ड की खरीद को रोकने के लिए यह स्कीम लॉन्च की है, ताकि निवेशकों को सोने में निवेश का एक अन्य विकल्प मिले और देश का चालू खाता घाटा नियंत्रण में रह सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम लॉन्च करने की घोषणा की थी। इस स्कीम के तहत निवेशकों को तय ब्याज दिया जाएगा और जिस समय यह बांड बेचे जाएंगे उस समय सोने के बाजार मूल्य के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। यह बांड भारत सरकार के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगा और यह सरकार की उधारी का ही एक हिस्सा होगा। इन बांड की परिपक्वता अविध 8 साल है, लेकिन इसमें 5 साल और उसके बाद कभी भी बाहर निकलने का विकल्प भी है।
गोल्ड मोनेटाइजेशन को चुस्त-दुरुस्त बनाएगा आरबीआई
भारतीय रिवर्ज बैंक गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को चुस्त दुरुस्त बनाने की तैयारी में है, क्योंकि इस योजना को लेकर शुरुआती प्रतिक्रिया कमजोर रही है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि गोल्ड मोेनेटाइजेशन स्कीम को कुछ ठीक करना होगा। 18 नवंबर तक इस योजना के तहत केवल 400 ग्राम सोना आया है। देश में 52 लाख करोड़ रुपए मूल्य का 20,000 टन से अधिक सोना परिवारों व संस्थानों में बेकार पड़ा है।