नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को शेयर बाजारों में आई बड़ी गिरावट के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के चलते हमें वैश्विक आर्थिक वृद्धि के नरम रहने की आशंका है और इससे निपटने के लिए दुनियाभर के सभी केंद्रीय बैंक इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से चीन पर निर्भर कुछ क्षेत्र प्रभावित हैं और आगे भी होंगे, इसके असर को कम करने वाले कदम उठाए जा रहे हैं। भारत पर प्रभाव सीमित रहेगा क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं करती है, इसलिए उस सीमा तक हम उससे बचे रहेंगे।
दास ने कहा कि महाकारी संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए आरबीआई किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमारे पास मजबूत और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर तरलता दबाव को कम करने के लिए आईएमएफ को करेंसी स्वैप लाइन शुरू करना चाहिए।
येस बैंक को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि येस बैंक पर निर्णय व्यापक स्तर पर लिया गया है न कि एक व्यक्तिगत इकाई के स्तर पर। इसका उद्देश्य वित्तीय तंत्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। दास ने कहा कि येस बैंक के लिए शीघ्र ही समाधान निकाल लिया जाएगा, यह 30 दिन की सीमा के भीतर ही होगा। उन्होंने कहा कि आप देखेंगे कि आरबीआई जल्द ही येस बैंक को पुर्नजीवित करने के लिए एक योजना पेश करेगा।