मुंबई। देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो जाएगी। तेजी की वजह घरेलू खपत, नीतिगत मोर्च पर आगे बढ़ना और समकालीन वैश्विक वृद्धि होगी। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर के 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2018 में वित्त वर्ष 2018-19 में वृद्धि दर 7-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। क्रिसिल ने आज रिपोर्ट में कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के कारण दो साल अच्छे नहीं रहे और इनके बाद अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर के उभरकर 7.5 प्रतिशत की सम्मानजनक स्थिति में आती हुई प्रतीत हो रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उछाल का समर्थन करने वाले प्रमुख कारक घरेलू खपत और नीतिगत मोर्च पर तेजी है। हालांकि समकालीन वैश्विक वृद्धि भी कुछ तेजी प्रदान करेगी। रिपोर्ट में चार क्षेत्रों- बैंकिंग क्षेत्र में फंसी संपत्ति का समाधान, ग्रामीण कायाकल्प, सुधारों के निरंतर कार्यान्वयन और बढ़ती वैश्विक वृद्धि- की पहचान की है, जो कि तेजी और उसकी स्थिरता की सीमा को निर्धारित करेगा।