नई दिल्ली। ग्लैंड फार्मा ने 9 नवंबर को रिटेल निवेशकों के लिए खुलने वाले अपने आईपीओ से पहले ही एंकर निवेशकों से 1944 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। कंपनी ने बताया कि उसने 1500 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से एंकर निवेशकों को 1,29,59,089 शेयर आवंटित किए हैं। इस मूल्य पर कंपनी ने 1944 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
एंकर निवेशकों में सिंगापुर सरकार, नोमूरा, गोल्डमैन सॉक्स, मोर्गन स्टेनले, एसबीआई म्यूचुअल फंड, एक्सिस म्यूचुअल फंड, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, फिडेलिटी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, एचएसबीसी ग्लोबल इनवेस्टमेंट फंड, स्मॉल कैप वर्ल्ड फंड और दि स्कॉटिश ओरिएंटल कंपनीज ट्रस्ट पीएलसी सहित अन्य शामिल हैं।
हैदराबाद मुख्यालय वाली कंपनी में चीन की फोसन फार्मा ने निवेश किया है। ग्लैंड फार्मा कॉम्प्लेक्स इंजेक्टेबल्स का विकास, विनिर्माण और विपणन करती है। कंपनी ने आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 1490 से 1500 रुपए प्रति शेयर तय किया है। कंपनी का आईपीओ 9 नवंबर को खुलेगा और 11 नवंबर को बंद होगा। कंपनी इस आईपीओ में 1250 करोड़ रुपए मूल्य के नए शेयर जारी करेगी और 3,48,63,635 शेयरों को ऑफर फॉर सेल के जरिये बेचेगी।
ओएफएस में फोसन फार्मा इंडस्ट्रियल द्वारा 1,93,68,686 शेयरों की पेशकश की जाएगी। ग्लैंड सेलसस बायो केमीकल्स प्रा लि द्वारा 1,00,47,435 शेयर, एमपावर डिसक्रेश्नरी ट्रस्ट द्वारा 35,73,014 शेयर और निलय डिसक्रेश्नरी ट्रस्ट द्वारा 18,74,500 शेयरों की पेशकश की जाएगी। ऊपरी कीमत पर आईपीओ से कंपनी को 6,479.5 करोड़ रुपए हासिल होने की संभावना है। संभवत:चीनी पैरेंट कंपनी वाली यह पहली बड़ी भारतीय कंपनी है, जो आईपीओ लेकर आ रही है।
कंपनी के प्रवर्तक फोसन सिंगापुर और शंघाई फोसन फार्मा हैं। आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल, कैपिटल एक्सपेंडीचर और जनरल कॉरपोरेट पर्पज के लिए किया जाएगा। ग्लैंड फार्मा की स्थापना पीवीएन राजू ने 1978 में की थी और फोसन फार्मा ने 2017 में इसकी 74 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। ग्लैंड फार्मा के शेयरों को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट कराया जाएगा।
कंपनी अपने उत्पादों की बिक्री बिजनेस-टू-बिजनेस मॉडल के तहत अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और भारत सहित 60 से अधिक देशों में करती है। 31 मार्च, 2020 के मुताबिक कंपनी के भारत में 3791 कर्मचारी हैं। पिछले महीने कंपनी को सेबी से आईपीओ के लिए मंजूरी मिली थी।