नई दिल्ली। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (GJC) ने सरकार से स्वर्ण आभूषणों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन के लिए समय सीमा को जून 2022 तक बढ़ाने का आग्रह किया है। कोविड-19 महामारी तथा बुनियादी ढांचे की कमी को देखते हुए यह मांग की गई है। उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को लिखे एक पत्र में, जीजेसी ने कोविड-19 स्थिति के कारण हॉलमार्किग समय-सीमा को जून 2021 के बजाये जून 2022 तक बढ़ाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह एक जून,2021 से देश में अनिवार्य हॉलमार्किंग को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पत्र में कहा गया है कि इसके अलावा, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के आंकड़ों के अनुसार, देश के 733 जिलों में से केवल 245 में ही असेइंग एंड हॉलमार्किंग (एएंडएच) केंद्र हैं। परिषद ने एक बयान में कहा कि जीजेसी ने बीआईएस से आग्रह किया है कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक एएंडएच केंद्र हो। जीजेसी के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा कि यह आभूषण उद्योग को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा, जिससे व्यापार में गिरावट, रोजी-रोटी का नुकसान, मुकदमेबाजी और समय और ऊर्जा की अनावश्यक बर्बादी होती है।
उन्होंने कहा कि अपने मौजूदा स्वरूप में अनिवार्य हॉलमार्किंग लाखों लोगों की आजीविका को प्रभावित करने की क्षमता रखती है और इससे सदी के पुराने आभूषण कारोबार में भारी अव्यवस्था पैदा होगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण, आभूषण व्यवसाय पहले से ही बुरी स्थिति में है, और जब तक बुनियादी ढांचा अनिवार्य रूप से स्थापित नहीं हो जाता, तब तक के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग को स्थगित कर दिया जाना चाहिए। जीजेसी घरेलू रत्न और आभूषण उद्योग में निर्माताओं, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, वितरकों, प्रयोगशालाओं, रत्न विशेषज्ञों, डिजाइनरों और संबद्ध सेवाओं से युक्त 6,00,000 से अधिक व्यवसायियों का प्रतिनिधित्व करता है।
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