बर्लिन। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से जर्मनी की अर्थव्यवस्था 2020 की पहली तिमाही में घटकर नकारात्मक 2.2 प्रतिशत रही।इससे यहां आर्थिक मंदी आने की संभावना और प्रबल हो गई है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी की आर्थिक वृद्धि दर पिछले साल की अंतिम तिमाही की तुलना में 2.2 प्रतिशत सिकुड़ गई है। इसका मतलब है कि जर्मनी पिछले साल के अंत में एक छोटी सी गिरावट के बाद मंदी में चला गया।
संघीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों ने कोरोनावायरस संकट से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की पहली झलक पेश की है, जिसे सरकार बचाव कार्यक्रमों की एक सीमा के साथ सीमित करने की कोशिश कर रही है। जनवरी-मार्च तिमाही में यह गिरावट 2009 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। पिछले साल की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और चौथी तिमाही में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। बाद में फरवरी में इसे संशोधित कर शून्य वृद्धि कर दिया गया था। इस संशोधन ने जर्मनी को तकनीकी रूप से मंदी में डाल दिया था।
लगातार दो तिमाहियों तक नकारात्मक वृद्धि को तकनीकी रूप से मंदी माना जाता है। मार्च माह में सबसे पहले यूरोप में कोरोना वायरस का हमला हुआ था। यहां सबसे पहले महामारी के चपेट में इटली आया और उसके बाद अन्य देश।
जर्मनी ने भी मध्य मार्च से लॉकडाउन शुरू किया। सरकार ने फैक्टरियों को बंद करने का आदेश नहीं दिया लेकिन कंपनियों ने कुछ क्षेत्रों में उत्पादन को रोक दिया, विशेषकर ऑटो कंपनियों ने।
ताजा आंकड़ें बताते हैं कि मार्च में फैक्टरी ऑर्डर में मासिक आधार पर 15.6 प्रतिशत की कमी आई है और इस दौरान औद्योगिक उत्पादन में 9.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।