जिनेवा/नई दिल्ली। विश्व आर्थिक मंच (WEF) के महिला-पुरुष समानता सूचकांक में भारत 21 पायदान फिसलकर 108वें स्थान पर आ गया है। अर्थव्यवस्था और कम वेतन में महिलाओं की भागीदारी निचले स्तर पर रहने से भारत अपने पड़ोसी देशों चीन और बांग्लादेश से भी पीछे है। WEF ने सबसे पहले 2006 में इस तरह की सूची प्रकाशित की थी। उस समय के हिसाब से भी भारत 10 स्थान पीछे है। WEF की स्त्री-पुरुष असमानता रिपोर्ट-2017 के अनुसार, भारत ने 67 प्रतिशत महिला-पुरुष असमानता को कम किया है। यह उसके कई समकक्ष देशों से कम है।
इस सूची में बांग्लादेश 47वें और चीन 100वें स्थान पर है। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो स्थिति बहुत अच्छी नजर नहीं आती। पहली बार ऐसा हुआ है जबकि WEF की रिपोर्ट में स्त्री-पुरुष असमानता बढ़ी है। WEF चार मानकों-शिक्षा, स्वास्थ्य, कार्यस्थल तथा राजनीतिक प्रतिनिधित्व के आधार पर महिला-पुरुषों में समानता का आकलन करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दशकों की धीमी प्रगति के बाद वर्ष 2017 में महिला-पुरुष असमानता को दूर करने के प्रयास ठहर से गए हैं। वर्ष 2006 के बाद से यह पहला मौका है जबकि अंतर बढ़ा है। इस साल की रिपोर्ट आज प्रकाशित की गई है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 68 प्रतिशत महिला पुरुष असमानता समाप्त हुई है। वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 68.3 प्रतिशत का था।
यह भी पढ़ें : सरकार कर रही है दाल और खाद्य तेल महंगा करने की तैयारी, आयात पर लगा सकती है रोक
यह भी पढ़ें : सरकार ने रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए उठाए ये कदम, स्व-रोजगार को ऐसे करेगी प्रोत्साहित