नई दिल्ली। पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 10 प्रतिशत से ज्यादा रहने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने ये अनुमान दिया है। एजेंसी के मुताबिक पिछले साल की पहली तिमाही में कोविड की वजह से आई तेज गिरावट और इस साल आर्थिक गतिविधियों से प्रतिबंध हटने की वजह से ये ग्रोथ देखने को मिलेगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद राज्यों द्वारा स्थानीय प्रतिबंधों को हटाने के चलते आर्थिक सुधार ने गति पकड़ी है, लेकिन यह अभी भी 2019 के स्तर से पीछे है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था लो बेस की वजह से 2020-21 के मुकाबले अप्रैल-जून 2021 के दौरान दहाई अंक में बढ़ेगी, लेकिन अभी भी यह वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में देखे गए स्तर से कम रहेगी। इक्रा ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी वर्ष दर वर्ष आधार पर दो अंकों में वृद्धि हासिल करेगी, हालांकि यह वित्त वर्ष 2019-20 के स्तर से पीछे रहेगी।’’ देशव्यापी लॉकडाउन के चलते वित्त वर्ष 2019-20 की जून तिमाही में जीडीपी में 23.7 प्रतिशत की कमी हुई थी और इसके चलते पूरे वित्त वर्ष के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि राज्यों द्वारा प्रतिबंधों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में सुधार हुआ है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मई 2021 के मुकाबले जून 2021 में 15 हाई फ्रीक्वेंसी संकेतकों में से 13 का प्रदर्शन वर्ष-दर-वर्ष आधार पर समान है। उन्होंने आगे कहा कि इससे यह संकेत मिलता है कि सुधार की शुरुआत हो गई है, लेकिन जून 2021 में अधिकांश गैर-वित्तीय संकेतकों की मात्रा अप्रैल 2021 और जून 2019 के स्तरों की तुलना में कमजोर थे।
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