नई दिल्ली। देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत पर आ जाएगी। HSBC की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में सुस्ती से जीडीपी दर प्रभावित होगी। वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी का मानना है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से विनिर्माण और सेवाओं के अलावा उपभोग और निवेश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
2040 तक 5 गुना होगी भारतीय अर्थव्यवस्था, 2018 तक मिलेगी सभी को बिजली: प्रधानमंत्री
- एचएसबीसी के शोध नोट में कहा गया है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी दर पांच प्रतिशत पर आएगी।
- जनवरी-मार्च तिमाही में यह छह प्रतिशत रहेगी।
- यह नोटबंदी से पहले के हमारे अनुमान से करीब दो प्रतिशत कम है।
- नोट में कहा गया है कि मार्च तिमाही के बाद यह धीरे-धीरे सामान्य होकर फिर सात प्रतिशत के करीब पहुंचेगी।
- लेकिन 7.5 से आठ प्रतिशत के दायरे में नहीं पहुंच पाएगी, क्योंकि कारोबार और उपभोक्ताओं को समायोजन की लागत को झेलना होगा।
बिटकॉइन की विनिमय दर फिर उछाल पर पर, निवेश का सुरक्षित ठिकाना बनी
- विश्व बाजार में बढ़ती अनिश्चिताओं के बीच निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनी अनौपचारिक डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन का भाव अब फिर से तेजी पर है।
- बिटकॉइन प्राइस इंडेक्स पर आज यह 1,100 डॉलर के स्तर को पार कर गई।
- वर्ष 2016 में यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रही है। वर्ष 2009 में अपने चलन के बाद आज से पहले वर्ष 2013 में यह 1,165.89 डॉलर के भाव पर चाल रही थी] जो इसका अब तक का उच्चतम स्तर है।
- विशेषज्ञों के अनुसार भारत में बड़े मूल्य के नोटों को अचानक से चलन से बाहर किए जाने और चीन में विदेशी मुद्रा की खरीद पर प्रतिबंधों के चलते डॉलर की मांग में कमी आई है। इसलिए बिटकॉइन की ताजा मांग में वृद्धि हुई है।