नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 में इसके 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में मुख्य रूप से निवेश गतिविधियों में सुधार से अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा समिति की दो दिन की बैठक के बाद आज जारी चालू वित्त वर्ष की पहली समीक्षा में कहा गया है कि इस बार पहली छमाही में वृद्धि दर 7.3 से 7.4 प्रतिशत रहेगी, जबकि दूसरी छमाही में यह 7.3 से 7.6 प्रतिशत रहेगी।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुल मिलाकर जीडीपी की वृद्धि दर 2017-18 के 6.6 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। रिजर्व बैंक ने कहा कि कई कारकों से साल के दौरान आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि निवेश गतिविधियों में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखने लगे हैं। पूंजीगतव वस्तुओं का उत्पादन बढ़ा है। आयात अभी बढ़ रहा है, हालांकि जनवरी में इसकी रफ्तार कम हुई है। इसके अलावा वैश्विक मांग सुधर रही है। इससे निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे नया निवेश आएगा। संसद में 29 जनवरी को पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया था कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल करेगा और 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर 7 से 7.5 प्रतिशत रहेगी।