नई दिल्ली। आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार धीमी पड़ने से इस बार जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि कम रहकर 5.7 प्रतिशत रह सकती है। उसके बाद इसमें तेजी से सुधार होगा। यह बात वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा की एक रिपोर्ट में कही गई है।
नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धि दर के चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) मद्धिम पड़ने के बाद इसके ग्राफ में अंग्रेजी के वी आकार का सुधार होगा। रिपोर्ट के अुनसार इस तीव्र सुधार में पुराने बंद किए गए नोटों की जगह नए नोटों की आपूर्ति, सम्पत्ति के पुनर्वितरण और कर्ज सस्ता किए जाने के लंबित प्रभाव की भूमिका होगी।
- नामुरा की भारत संबंधी मुख्य अर्थ शास्त्री सोनल वर्मा ने कहा कि वर्ष 2017 की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियां मद्धिम और हाल के उच्चतम स्तर से नीचे रहने की रहने की संभावना है।
- रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-सितंबर 2016 की तिमाही की 7.3 प्रतिशत और अक्टूबर दिसंबर 2016 में 6 प्रतिशत के बाद वृद्धि जनवरी-मार्च 2017 में 5.7 प्रतिशत रहेगी।
नोमुरा का अनुमान है कि नकदी की पूरी आपूर्ति हो जाने, सम्पत्ति के पुनर्वितरण और कर्ज पर ब्याज में पहले की कमी का फायदा मिलने से 2017 की दूसरी तिमाही में गतिविधियों के ग्राफ में अंग्रेंजी के वी अक्षर के आकार में सुधार होगा।