नई दिल्ली। भारत की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में धीमी पड़कर 6.6 प्रतिशत रही। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने गुरुवार को बताया कि एक साल पहले समान अवधि में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी। सरकार ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहेगी।
इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर भी 7 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसके इससे पहले 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
2017-18 के लिए जीडीपी के पहले संशोधित अनुमान 131.80 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 2018-19 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक जीडीपी या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 141.00 लाख करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है। 2018-19 के दौरान जीडीपी में वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2017-18 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत थी।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर को संशोधित कर 7 प्रतिशत किया गया है, जिसके पहले 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान था। इसी प्रकार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर को संशोधित कर 8 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसके पहले 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान था। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भी जीडीपी वृद्धि दर को संशोधित कर 8 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसके पहले 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
पिछले महीने की शुरुआत में, केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था। दिसंबर पॉलिसी में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.4 प्रतिशत रखा गया था।