नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.1 प्रतिशत रही। यह पहली तिमाही की तुलना में कम है लेकिन पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले यह ऊंची है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले कम होने के बावजूद देश की जीडीपी वृद्धि दर चीन की वृद्धि दर से आगे बनी हुई है। इसके साथ ही भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखा है।
सरकार के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार स्थिर मूल्य (2011-12) के आधार पर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के बयान के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में जीडीपी 33.98 लाख करोड़ रुपए रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 31.72 लाख करोड़ रुपए पर थी। यह 7.1 प्रतिशत वृद्धि दर्शाती है।
देश की आर्थिक वृद्धि दर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 8.2 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह 7.7 प्रतिशत रही। इस प्रकार सितंबर 2018 में समाप्त दूसरी तिमाही के ताजा आंकड़े 7.1 प्रतिशत तीन तिमाहियों में सबसे कम रहे हैं। हालांकि पिछले साल की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर इससे भी कम 7 प्रतिशत रही थी।
चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.5 प्रतिशत रही। दूसरी तिमाही में स्थिर मूल्य (2011-12) पर देश का सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 31.40 लाख करोड़ रुपए आंका गया, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 29.38 लाख करोड़ रुपए था। यह वृद्धि 6.9 प्रतिशत रही। सीएसओ आंकड़ों के अनुसार खनन उत्पादन आलोच्य तिमाही में 2.4 प्रतिशत घटा जबकि एक साल पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.1 प्रतिशत थी। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 3.8 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2.6 प्रतिशत थी। आलोच्य तिमाही में निर्माण क्षेत्र में भी सुधार देखा गया और इसमें 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में इसमें 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।