मुंबई। भारत की अर्थव्यवस्था के लिए पहली अप्रैल से शुरू होने जा रहा वित्त वर्ष शानदार रह सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश की GDP ग्रोथ 10.5% रहने का अनुमान लगाया है। शुक्रवार को रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति पॉलिसी की घोषणा के दौरान यह बात कही है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को मुख्य पॉलिसी दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है, रेपो रेट की दर को 4 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है, जिस वजह से आने वाले दिनों में होम और कार लोन की दरों में कमी आने की उम्मीद कम है। हालांकि देशभर में होम और कार लोन की दरें पहले ही बहुत निचले स्तर पर चल रही हैं।
RBI गवर्नर ने वित्तवर्ष 2021-22 को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर वित्त वर्ष बताया है, उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को जो नुकसान पहुंचा है उसकी पूरी भरपायी वित्तवर्ष 2021-22 में हो जाएगी। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था सिर्फ एक दिशा में जाएगी और वह दिशा 'अपवर्ड' है।
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में अब आर्थिक वृद्धि को लेकर परिदृश्य सकारात्मक हुआ है, पुनरूद्धार के संकेत मजबूत हुए हैं, इतना ही नहीं, रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गयी है। मुद्रास्फीति की दर का संतोषजनक दायरे में आना भी अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक रुझान है। उन्होंने कहा कि सब्जियों के दाम निकट भविष्य में नरम रहने की उम्मीद, 2020-21 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति संशोधित किया गया है, इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि सरकार आरबीआई के लिये मुद्रास्फीति के लक्ष्य की समीक्षा मार्च 2021 तक करेगी, मुद्रास्फीति के लक्ष्य की व्यवस्था ने अच्छा काम किया है।
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