नई दिल्ली। कोरोना संकट की वजह से 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज हो सकती है। रिजर्व बैंक ने अनुमान जताया है कि ल़ॉकडाउन की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव हो सकती है। आज मीडिया को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने ये अनुमान दिया है।
गर्वनर के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले टॉप 6 राज्यों पर महामारी का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। वहीं बिजली और ईंधन की मांग में भी तेज गिरावट देखने को मिली है। रिजर्व बैंक के गर्वनर के मुताबिक फिलहाल सबसे बड़ी चिंता ये है कि देश में उत्पादन और मांग दोनो में ही गिरावट का रुख बना हुआ है। निजी खपत पर सबसे बड़ा झटका देखने को मिला है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन में 33 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। मर्चेन्डाइज एक्सपोर्ट 30 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने दुनिया भर में होने वाले कारोबार के वॉल्यूम में इस साल के दौरान 13 से 32 फीसदी तक गिरावट का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक दुनिया भर में जारी मंदी का भारत पर सीधा असर पड़ेगा। जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था मे गिरावट दर्ज होगी।
गर्वनर के मुताबिक मौजूदा हालातों को देखते हुए महंगाई दर को लेकर अनिश्चितता काफी बढ़ गई है। अप्रैल के महीने से शुरू हुआ सप्लाई पर दबाव आगे कई महीनों तक बना रह सकता है, जिससे महंगाई दर पर भी असर संभव है। उम्मीद है कि वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से महंगाई दर पर दबाव कम होगा।