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FY-20 में भारत की GDP वृद्धि दर 11 साल के निचले स्‍तर पर, जनवरी-मार्च 2020 में आर्थिक वृद्धि दर रही 3.1%

मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर के 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 6.1 प्रतिशत थी।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 29, 2020 21:40 IST
GDP growth in 2019-20 slows to 11-year low of 4.2 pc- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

GDP growth in 2019-20 slows to 11-year low of 4.2 pc

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को संकट में डालने के साथ ही भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को भी नुकसान पहुंचाया है। शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्‍त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2020 में भारत की सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 3.1 प्रतिशत रही है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी। इसके साथ ही संपूर्ण वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही, जो पिछले 11 साल का निम्‍नतम स्‍तर है।   

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को बताया कि 2019-20 की चौथी तिमाही में स्थिर कीमत (2011-12) पर जीडीपी के 38.04 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो 2018-19 की चौथी तिमाही में 36.90 लाख करोड़ रुपए थी। इस तरह इसमें 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई पड़ती है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय ने बताया कि वित्‍त वर्ष 2019-20 में देश का राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.59 प्रतिशत हो गया है, जो संशोधित अनुमान 3.8 प्रतिशत की तुलना में बहुत अधिक है।

मंत्रालय ने कहा कि वित्‍त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर के 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्‍त वर्ष 2018-19 में 6.1 प्रतिशत थी। कोरोना वायरस महामारी की वजह से जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।

कोविड-19 पर काबू के लिए सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। लेकिन जनवरी-मार्च के दौरान दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहीं, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। एनएसओ ने इस साल जनवरी फरवरी में जारी पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान में वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

महालेखा नियंत्रक के आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिये राजकोषीय घाटा 4.59 प्रतिशत जबकि राजस्व घाटा 3.27 प्रतिशत रहा। आंकड़ों के अनुसार प्रभावी राजस्व घाटा 2.36 प्रतिशत रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट पेश करते हुए 2019-20 में राजकोषीय घाटा 3.8 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान जताया था जो मूल बजट के 3.3 प्रतिशत के अनुमान से अधिक था। राजकोषीय घाटे में वृद्धि का मुख्य कारण 2019-20 में राजस्व संग्रह में कमी है। वर्ष के दौरान राजस्व प्राप्तियां संशोधित अनुमान के 90 प्रतिशत तक ही हो सकीं।

कुल मिला कर सरकार की प्राप्तियां 17.5 लाख करोड़ रुपए रहीं, जबकि सशोधित बजट अनुमान 19.31 लाख करोड़ रुपए का था। आंकड़ों के अनुसार सरकार का कुल व्यय 26.86 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पूर्व के 26.98 लाख करोड़ रुपए के अनुमान से कुछ कम है। पिछले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा बढ़कर 3.27 प्रतिशत रहा जबकि संशोधित अनुमान में इसके जीडीपी के 2.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

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