मुंबई। केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उन खबरों को निराधार और हकीकत से दूर बताया है, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यलाय (पीएमओ) का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वित्तीय संकट में होने की बात कही गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने परिवहन सचिव संजीव रंजन को 17 अगस्त को लिखे पत्र में कथित तौर पर एनएचएआई की विस्तार योजना की आलोचना की है, क्योंकि इसकी वजह से प्राधिकरण वित्तीय संकट में फंस गया है।
पत्र पर जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि एनएचएआई में किसी भी तरह का वित्तीय संकट नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़कों के अनियोजित विस्तार की वजह से भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्यों में एनएचएआई का बहुत धन खर्च हुआ है। गडकरी ने कहा कि पत्र को लेकर मीडिया में जो कुछ भी आया है वह गलत है। पीएमओ की ओर से सिर्फ सुझाव आया है। इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। मीडिया रिपोर्ट गलत और वास्तविकता से दूर है।
केंद्रीय मंत्री ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को बताया कि मिश्रा ने रंजन को पत्र लिखकर एनएचएआई के परिचालन प्रदर्शन में सुधार लाने के सुझाव दिए हैं। गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एएए रेटिंग वाली इकाई है और पैसे की कोई कमी नहीं है। पिछले 20 दिनों में सिर्फ मुझे विभिन्न वित्तीय संस्थानों से 1,750 अरब रुपए की वित्तीय प्रतिबद्धता मिली है। एलआईसी ने 1,250 अरब रुपए की वित्तीय प्रतिबद्धता, जबकि बैंकों ने 50,000 करोड़ रुपए देने की सहमति जताई है। अत: पर्याप्त पूंजी मौजूद है।