नई दिल्ली। भारत में कारोबार पर कर से बचने के तरीके अपनाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए गार नियमों को पूर्व की तिथि से लागू किए जाने की आशंकाओं का निराकरण करते हुए कर विभाग ने स्पष्ट किया है कि ये सामान्य नियम एक अप्रैल 2017 से पहले की निवेश सम्पत्तियों के हस्तांतरण से होने वाली आय पर लागू नहीं होंगे।
कर-पवर्जन रोधी सामान्य नियम (गार) अगले साल एक अप्रैल से लागू किया जाना है। इसके तहत भारत में स्थिति संपत्ति के क्रय-बिक्रय या हस्तांतरण ये जुड़े विदेशी सौदों पर कर लगाए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा इसका उद्येश्य कर चोरी के पनाहगाह माने जाने वाले देशों में स्थित संस्थानों द्वारा कर चोरी के लिए अपनाए जाने वो तरीकों पर अंकुश लगाना है।
आयकर नियमों में संशोधनों के तहत गार को एक अप्रैल 2017 से लागू किया जाना है। पहले इसे 30 अगस्त 2010 से लागू किया जाना था जो टलता रहा। आयकर नियमावली के नियम 10 यू (1::डी) में संशोधन के बाद प्रावधान किया गया है कि एक अप्रैल 2017 से पहले तक किए निवेश के हस्तांतरण से किसी व्यक्ति को हुई आय पर यह नियम लागू नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा नियम 10 यू (2) में संशोधन कर प्रावधान किया गया है कि गार ऐसे किसी भी सौदे पर लागू होगा जिसमें कर लाभ एक अप्रैल 2017 या उसके बाद उठाया गया हो भले ही सौदे का अनुबंध किसी भी तारीख को किया गया हो। पहले यह तिथि एक अप्रैल 2015 रखने का प्रस्ताव था। उद्योग जगत मांग कर रहा है कि गार को आगे की तिथि से ही लागू किया जाना चाहिए। आयकर नियमों में इन संशोधनों से कर विभाग ने गार को लागू करने की प्रक्रिया को आसान बनाया है और इसमें विसंगतियों को दूर किया है।
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