ओसाका। भारत ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने की कड़ी वकालत की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को हर वैश्विक मंच पर जोर-शोर से उठाया है। जी20 में भारत के शेरपा सुरेश प्रभु ने शनिवार को ये बातें कहीं।
प्रभु ने बैठक में हुई चर्चा के बारे में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने की जरूरत को हमेशा सामने रखते आये हैं। यह एक मजबूत एजेंडा रहा है। हम कर चोरी, भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराधों और देश से भागने वाले भगोड़े अपराधियों पर काम करते रहे हैं। हम इन मुद्दों पर मुखरता से बोलते आये हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सभी वैश्विक मंचों पर ये मुद्दे उठाते रहते हैं। जी20 शेरपाओं की बैठक के बाद प्रभु ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि एक वैश्विक समुदाय होने के नाते हमें आर्थिक अपराध करने वाले और अपने देश से भाग जाने वाले लोगों के मुद्दे से निपटने के लिये निश्चित तौर पर काम करना चाहिये।
यह पूछे जाने पर कि भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था के ओसाका घोषणापत्र में क्यों शामिल नहीं हुआ, प्रभु ने कहा कि इसका कारण जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे को बता दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था में यकीन करता है तथा इस डिजिटल एजेंडा को पाने के लिये बड़ी संख्या में बैंक खाते खोलने समेत कई कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल लेन-देन को लेकर एक वृहद कार्यक्रम है। हमने बड़ी संख्या में लोगों के बैंक खाते खोले हैं। काफी लेन-देन डिजिटल तरीके से हो रहे हैं। प्रभु ने कहा कि भारतीय रेल में 8.1 अरब यात्री हर साल यात्रा करते हैं जिसमें से ज्यादातर डिजिटल माध्यम से टिकट खरीदते हैं। प्रभु राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की पहली सरकार में रेल मंत्री भी रहे हैं।
बैठक में भारत द्वारा उठाये गये अन्य मुद्दों में पर्यावरण परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण, कृषि, पर्यटन, सामाजिक सुरक्षा के प्रति संरचनात्मक बदलाव और वृद्ध होती आबादी को वित्तीय लाभ प्रदान करना शामिल रहा है। प्रभु ने कहा कि भारत वृद्धि के लिये आवश्यक गुणवत्तायुक्त बुनियादी संरचना बनाने पर भी जोर देता रहा है।