अंतालिया (तुर्की)। दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने बढ़ते भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए एक ग्लोबल कल्चर विकसित करने का फैसला लिया है। तुर्की में चल रही जी20 समिट में सभी विकसित देशों ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) की कोटा प्रणाली में सुधार में हो रही देरी पर चिंता जताई। बैठक में मौजूदा समय में विभिन्न देशों के बीच इकोनोमिक ग्रोथ में भारी अंतर पर चिंता जताते हुए विकासशील देशों की हर संभव मदद करने का संकल्प लिया है। जी20 के नेताओं के दो दिन के शिखर सम्मेलन में जारी घोषणा में इस बात पर जोर दिया कि देशों को अपने पॉलिसी निर्णयों को डायरेक्ट तरीके से करना चाहिए और उसे दुनिया को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।
जी20 में छाई आतंकवादी हमलों की गूंज
तुर्की के इस खूबसूरत पर्यटक स्थल में आयोजित इस सम्मेलन पर पेरिस में आईएसआईएस के घातक आतंकवादी हमलों की गूंज छाई रही। बैठक में सदस्य देशों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का भी समर्थन किया, जिसमें मोदी ने कहा था कि विकसित देशों को आतंकवाद फैला रहे संगठनों का फाइनेंशियल सपोर्ट सिस्टम खत्म करने पर जोर देना चाहिए। जी20 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने शरणार्थी संकट की व्यापकता पर भी गौर किया और कहा कि सभी देशों को इसका बोझ बांटना चाहिए। उन्होंने भागीदार देशों से कहा कि वह शरणार्थियों के पुनर्वास और अन्य मानवीय सहायता के लिये आगे आयें। इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक समाधान पर भी जोर दिया।
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2018 तक अतिरिक्त 2 फीसदी ग्लोबल जीडीपी बढ़ाने का लक्ष्य
शिखर सम्मेलन के अंत में जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि जी20 नेताओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2018 तक अतिरिक्त दो फीसदी बढ़ोत्तरी की दिशा में लगातार काम करने का संकल्प लिया। दो दिन चलते इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका की राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित दुनिया के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने पर जोर
जी20 शिखर बैठक के घोषणापत्र में कहा गया है, हमारी आर्थिक वृद्धि और मजबूती के एजेंडा के समर्थन में हम 2015-16 के जी20 भ्रष्टाचार-रोधी कारवाई योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के जरिए भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की वैश्विक संस्कृति बनाने को प्रतिबद्ध हैं। जी20 नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि समावेशी वृद्धि और विश्वास को बढ़ाने के लिये सभी संबद्ध पक्षों के साथ मजबूती से जुड़ते हुये सभी नीतिगत उपायों का इस्तेमाल करना होगा।