नई दिल्ली। जबांग को खरीदने की प्रक्रिया तेज हो गई है। अलीबाबा, फ्यूचर ग्रुप, फ्लिपकार्ट और आदित्य बिड़ला की ई-कॉमर्स वेंचर एबॉफ फैशन पोर्टल जबांग की रेस में सबसे आगे है। सूत्रों के मुताबिक स्नैपडील भी कतार में है, लेकिन ऊंची कीमत नहीं लगाएगी। मिली जानकारी के मुताबिक जबांग के निवेशक 25-30 करोड़ डॉलर चाहते हैं, लेकिन सौदा इससे कम में होने की उम्मीद है। कंपनी को 2012 में जर्मन इनक्यूबेटर रॉकेट इंटरनेट के तहत शुरू किया गया था। स्वीडन की कंपनी किनेविक की जबांग की पैरेंट फर्म ग्लोबल फैशन ग्रुप में बड़ी हिस्सेदारी है।
जबांग के एक एग्जिक्यूटिव ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान इन सभी कंपनियों से बात की है। ‘ उन्होंने बताया, ‘अभी तक इनमें से कोई बातचीत फाइनल दौर में नहीं पहुंची है, लेकिन सौदा जबांग की सालाना सेल्स से डबल प्राइस पर हो सकता है। डील के 6 महीनों में पूरी होने की उम्मीद है।’ कुछ सूत्रों ने बताया कि रॉकेट इंटरनेट और किनेविक ने एग्जिक्यूटिव्स इस सौदे के लिए विदेश से भारत आए हैं। 2015 में जबांग का रेवेन्यू 7 फीसदी गिरकर 869.1 करोड़ रह गया था। हालांकि, डिस्काउंट में कटौती करने के चलते लॉस सालभर पहले के 159.5 करोड़ से घटकर 46.7 करोड़ पर आ गया था। पिछले साल कंपनी की ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू 14 पर्सेंट बढ़कर 1,503 करोड़ रुपये रही। 2015 में उसे 54 लाख ऑर्डर्स मिले थे। ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू में थर्ड पार्टी वेंडर्स की लिस्टिंग फीस के साथ कुल सेल्स शामिल होती है, जो मार्केटप्लेस पर सामान बेचते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, 6 महीने पहले 10 करोड़ डॉलर पर भी जबांग को खरीदने में किसी की दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन पिछले क्वार्टर्स में फाइनेंशिल पोजिशन बेहतर होने के चलते अब इसमें कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। दो साल पहले ऐमजॉन से जबांग की बातचीत चली थी, जिसमें कंपनी ने 1 अरब डॉलर की वैल्यू की मांग की थी। जबांग का मुकाबला मिंत्रा, शॉपर्स स्टॉक और लाइफस्टाइल जैसी रिटेलर्स से है। फैशन पोर्टल कंपनी पिछली तिमाही में ब्रेक ईवन कर गई थी। वहीं, देश की तीन बड़ी ऑनलाइन कंपनियों ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील का लॉस फाइनेंशिल इयर 2015 में बढ़कर 5,052 करोड़ रुपये हो गया।