नई दिल्ली। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद देश में सोने का इंपोर्ट कम नहीं हो रहा है। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि सरकार इसको देखते हुए इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी कर सकती है। लेकिन, वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अरविंद मेहता ने कहा कि सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी में और बढ़ोतरी अन-प्रोडक्टिव साबित हो सकती है और इससे देश में तस्करी की घटनाएं बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि दिसंबर में गोल्ड इंपोर्ट 179 फीसदी बढ़कर 3.80 अरब डॉलर हो गया है।
गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी जरूरत से ज्यादा
मेहता ने कहा, (गोल्ड इंपोर्ट) पर अब पहले ही ऊंचा शुल्क है तथा और अधिक शुल्क वास्तव में अनुत्पादक साबित होंगे, तस्करी बढ़ेगी। इसलिए हम अपनी तरफ से और आक्रामक कदम नहीं उठाना चाहते। अधिकारी से पूछा गया था कि क्या सरकार सोने के आयात शुल्क में वृद्धि पर विचार कर रही है, क्योंकि दिसंबर 2015 के दौरान आयात में उछाल देखने को मिला है।
सरकार ने सोना, चांदी के टैरिफ वैल्यू को बढ़ाया
सरकार ने ग्लोबल कीमत की ट्रेंड को देखते हुए सोने का आयात टैरिफ बढ़ाकर 354 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी का 457 डॉलर प्रति किलो कर दिया। इस महीने के पहले पखवाड़े में सोने का इंपोर्ट टैरिफ वैल्यू 345 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी के मामले में यह 452 डॉलर प्रति किलो था। आयात शुल्क मूल्य आधार मूल्य है जिसके आधार पर सीमा शुल्क का निर्धारण किया जाता है ताकि लोग सोने का कम मूल्य नहीं दिखा सके। इसे सामान्य तौर पर हर पखवाड़े संशोधित किया जाता है।
दो महीने के उच्चतम स्तर से फिसला सोना
वैश्विक बाजारों में मजबूती के बावजूद मौजूदा स्तर पर ज्वैलरी और रिटेलर्स की कमजोर मांग के कारण दिल्ली में सोना दो माह के उच्चतम स्तर से 165 रुपए की गिरकर 26,385 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर आ गया। कारोबारियों के मुताबिक मौजूदा भाव पर थोक और रिटेल ज्वैलर्स की ओर से सोने की मांग कमजोर रहने से सोना, चांदी की कीमतों में गिरावट आई। विदेशों में मजबूती के रखने से यह गिरावट कुछ सीमित रही।