वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने गुरुवार को कहा कि भारत को कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थिति में अपने यहां एक और प्रोत्साहन पैकेज देने की जरूरत है। उसने इस बारे में स्वास्थ्य, भोजन और गरीबों को आमदनी की मदद तथा उद्यमों को सहायता की आवश्यकता का विशेष रूप से उल्लेख किया है। मुद्राकोष के सूचना विभाग के निदेशक गेरी राइस ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह बहुपक्षीय संस्था इस महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सही मानती है। इसमें राजकोषीय प्रोत्साहन के कदम भी शामिल हैं। इन कदमों को कम आयवर्ग के मजदूरों और गरीब परिवारों को केंद्र में रख कर उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों और कर्जदारों की मदद के लिए कर्ज में ढ़ील और नकदी प्रवाह बढ़ाने के जो उपाये किए गए हैं हम उसके पक्ष में हैं। राइस ने कहा कि हमारा मानना है कि भारत में अभी और भी राजकोषीय प्रोत्साहन, विशेष रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं, खाद्यान्न और आमदनी की मदद तथा उद्यमों की मदद के लिए खर्च की आश्यकता है।
मुद्राकोष के प्रवक्ता ने देश की राजकोषीय स्थिति को मध्यावधि में मजबूत बनने की विश्वसनीय योजना जल्द घोषित करने को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही राजकोषीय स्थिति को सुधारने की एक विश्वस्नीय योजना जारी किया जाना और उसको अच्छी तरह बताया जाना महत्वपूर्ण है। साथ में राजकोषीय परदर्शिता भी बरती जानी चाहिए। इससे बाजार का विश्वास बढ़ेगा। राइस ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इससे बाजार का विश्वास मजबूत होगा और इससे कर्ज की लागत कम करने में मदद मिलेगी और पूरी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का भारत में विकास और गरीबी पर बहुत बड़ा दुष्प्रभाव पड़ा है। इस अभूतर्व संकट में तात्कालिक प्राथमिकता समन्वित नीति के साथ वायरस से निपटना है। भारत में रिपोर्ट के अनुसार 42 लाख से अधिक आबादी कोविड-19 से संक्रमित हो चुकी है। अमेरिका के बाद संक्रमितों की यह सबसे बड़ी संख्या है। अमेरिका में 64 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं।