नई दिल्ली। केंद्र सरकार और संबंधित राज्य माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुनाफाखोरी-रोधी कानून के तहत नियमों का पालन नहीं कर रही कंपनियों द्वारा जमा कराई गई राशि को आपस में बराबर बांटेंगे। वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है।
सरकार ने पिछले साल जुलाई में जीएसटी लागू करने के बाद एक राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण गठित किया था। प्राधिकरण का काम वैसी कंपनियों पर जुर्माना लगाना है, जो उपभोक्ताओं को कर का लाभ नहीं देती हैं। उपभोक्ता की पहचान नहीं हो पाने की स्थिति में इस राशि को उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करा दिया जाता है।
मंत्रालय ने केंद्रीय जीएसटी नियमों को संशोधित करते हुए कहा कि 50 प्रतिशत राशि केंद्र द्वारा गठित उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा की जाएगी तथा शेष राशि संबंधित राज्य के कोष में जमा की जाएगी। संशोधन के अनुसार, संबंधित राज्य उन्हें माना जाएगा जहां मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण ने कंपनी के खिलाफ आदेश दिया होगा। अभी तक केंद्रीय जीएसटी नियमों में यह स्पष्ट नहीं था कि नियमों का पालन नहीं कर रही कंपनियों से वसूली गई राशि का विभाजन किस आधार पर होगा।