नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया ने कोयले की कमी से जूझ रहे पावर सेक्टर के लिये कोयले की आपूर्ति बढ़ा दी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक (सीआईएल) की बिजली क्षेत्र को ईंधन आपूर्ति पिछले महीने 11.4 प्रतिशत बढ़कर 3.86 करोड़ टन पर पहुंच गई। मॉनसून के बीच देश के ताप बिजली संयंत्र कोयले की कमी के संकट से जूझ रहे हैं। देश के कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है।
पिछले साल अगस्त में बिजली इकाइयों को कोल इंडिया की आपूर्ति 3.46 करोड़ टन रही थी। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में बिजली संयंत्रों को कोल इंडिया की आपूर्ति 27.2 प्रतिशत बढ़कर 20.59 करोड़ टन पर पहुंच गयी। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 16.18 करोड़ टन रहा था। सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि.(एससीसीएल) की आपूर्ति अगस्त में 73.2 प्रतिशत बढ़कर 40.8 लाख टन पर पहुंच गई। पिछले साल समान महीने में यह 23.6 लाख टन रही थी। अप्रैल-अगस्त में बिजली क्षेत्र को एससीसीएल की आपूर्ति 84.2 प्रतिशत बढ़कर 2.21 करोड़ टन पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 1.20 करोड़ टन रही थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोल इंडिया पिछले साल अक्टूबर से बिजली उत्पादक कंपनियों को लगातार लिख रही है कि वे कोयले के उठाव का नियमन नहीं करें और अपने पास स्टॉक बनाएं। इससे गर्मियों और मानसून के दौरान बिजली उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। इससे पहले कोल इंडिया ने कहा था कि वह बिजली संयंत्रों में स्टॉक बनाने में मदद को बहु-स्तरीय प्रयास कर रही है।
कोल इंडिया ने अपने ऊंचे भंडारण वाले स्रोतों से रेल सह सड़क मार्ग से कोयले की पेशकश की थी। कोल इंडिया ने बयान में कहा कि 16 अगस्त तक 4.03 करोड़ टन भंडार वाली 23 ऐसी खानों की पहचान की गई थी। कोल इंडिया ने कहा कि शून्य से छह दिन का भंडार रखने वाले बिजली संयंत्रों को आपूर्ति में प्राथमिकता दी जा रही है।
यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Price: डीजल में फिर दर्ज हुई बढ़त वहीं पेट्रोल में राहत, जानिये आज कहां पहुंची कीमतें