नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) की बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों (अप्रैल-नवंबर) के दौरान 8.9 प्रतिशत घटकर 29.14 करोड़ टन रह गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कोल इंडिया ने बिजली क्षेत्र को 32 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की थी।
ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर माह में बिजली क्षेत्र को कोल इंडिया की कोयला आपूर्ति 9.9 प्रतिशत घटकर 3.88 करोड़ टन रही, जो एक साल पहले समान महीने में 4.31 करोड़ टन थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से नवंबर की अवधि में सार्वजनिक क्षेत्र की सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि. (एससीसीएल) की कोयला आपूर्ति भी 1.7 प्रतिशत घटकर 3.44 करोड़ टन पर आ गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.5 करोड़ टन रही थी।
नवंबर में एससीसीएल की कोयला आपूर्ति 6.1 प्रतिशत घटकर 46 लाख टन रह गई, जो इससे पिछले साल के समान महीने में 49 लाख टन थी। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस साल जुलाई से मानसून के विस्तार की वजह से कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है। अप्रैल-नवंबर के दौरान कोल इंडिया का कोयला उत्पादन 7.7 प्रतिशत घटकर 33.04 करोड़ टन रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 35.83 करोड़ टन था।
सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी ने कहा है कि वह अगले वित्त वर्ष में 75 करोड़ टन कोयले का उत्पादन करेगी। कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि कोल इंडिया वित्त वर्ष 2023-24 तक अपने उत्पादन को एक अरब टन तक पहुंचाएगी। कोल इंडिया को अभी 66 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है, जो देश के कुल कोयला उत्पादन का 82 प्रतिशत बैठता है।