नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि.(सीआईएल) द्वारा बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से नवंबर की अवधि के दौरान 5.3 प्रतिशत घटकर 27.746 करोड़ टन रही। सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 29.288 करोड़ टन ईंधन की आपूर्ति की थी। हालांकि नवंबर के महीने के दौरान कोल इंडिया द्वारा बिजली क्षेत्र को की गई ईंधन की आपूर्ति 3.938 करोड़ टन पर स्थिर रही। पिछले साल के इसी महीने में कोल इंडिया द्वारा कोयले की आपूर्ति 3.912 करोड़ टन हुई थी।
जारी हुए आंकड़ों के अनुसार सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि.(एससीसीएल) की बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति चालू वित्त वर्ष के आठ महीनों में 35 प्रतिशत घटकर 2.237 करोड़ टन रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 3.444 करोड़ टन थी। इस साल नवंबर महीने में कंपनी ने 39 लाख टन कोयले की आपूर्ति की जो पिछले साल इसी माह के 46.2 लाख टन के मुकाबले कम है। सरकार के कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप होने से बिजली खपत पर असर पड़ा। उससे कोयला मांग भी प्रभावित हुई। कोल इंडिया कोयले का प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। देश के कुल कोयले में उसकी हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है। कंपनी ने 2023-24 तक एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। सरकार को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था न केवल पटरी पर आ रही है, साथ ही रिकवरी पिछले अनुमानों से तेज हो रही है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त वर्ष के बाके बचे महीने में मांग बेहतर रह सकती है।