नई दिल्ली। 27 जनवरी यानी बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल का रिटेल प्राइस एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने बुधवार को पेट्रोल की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में भी 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। इस नई मूल्यवृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 86.30 रुपये प्रति लीटर हो गया। इसी प्रकार डीजल की नई कीमत 76.48 रुपये प्रति लीटर हो गई। इससे पहले मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमत में 35-35 पैसे प्रति लीटर की बढोतरी हुई थी। मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 86.05 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 92.62 रुपये प्रति लीटर थी।
मुंबई में डीजल की कीमत ने रिकॉर्ड ऊंचाई छुई है और यहां भाव बढ़कर 83.30 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि यहां एक लीटर पेट्रोल की नई कीमत 92.86 रुपये प्रति लीटर है।
जनवरी माह में दिल्ली में अबतक पेट्रोल की कीमत में 2.59 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 2.61 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी ओर मुंबई में एक जनवरी से अबतक पेट्रोल की कीमत में 2.52 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 2.79 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है। 29 दिनों के लंबे विराम के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 6 जनवरी से ईंधन की कीमतों में दोबारा दैनिक समीक्षा शुरू की है।
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच सरकार पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने के लिए निरंतर दबाव बढ़ रहा है लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। चालू वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोल और डीजल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और रोड एवं इंफ्रास्ट्रक्चर सेस के रूप में टैक्स में क्रमश: 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
ईंधन की कीमत, स्थानीय बिक्री कर या वैट के आधार पर अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न है। वर्तमान में देश में दोनों ईंधन की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले हफ्ते कहा था कि साऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है लेकिन एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। कच्चे तेल के सबसे बड़े उत्पादक देश साऊदी अरब ने फरवरी और मार्च में कच्चे तेल के उत्पादन में 10 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करने की घोषणा की है।
इससे पहले 4 अक्टूबर, 2018 को ईंधन की कीमतों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था। उस समय सरकार ने मुद्रास्फीति दबाव को कम करने और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाने के लिए पेट्रोल व डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 1.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके साथ ही सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों ने भी एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, जिसे उन्होंने बाद में वापस ले लिया।
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