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ईंधन की मांग में एक बाऱ फिर नरमी, जुलाई महीने में 11.7 प्रतिशत की गिरावट

जुलाई के महीने में सिर्फ एलपीजी की मांग में बढ़त का रुख

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 12, 2020 17:35 IST
Fuel demand dips- India TV Paisa
Photo:PTI

Fuel demand dips

नई दिल्ली। देश में ईंधन की मांग में सुधार के बाद एक बार फिर इसमें नरमी आयी है। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार सालाना आधार पर जुलाई में ईंधन खपत में 11.7 प्रतिशत की कमी रही। इस बार जून के मुकाबले जुलाई में ईंधन मांग में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है। ईंधन खपत को आर्थिक गतिविधियों का आईना माना जाता है। इसमें अप्रैल में 45 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी थी। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण आर्थिक गतिविधियों का ठप होना था। हालांकि ‘लॉकडाउन’ में ढील के साथ मई और जून में मांग में तेजी आयी। मासिक आधार पर खपत में वृद्धि दर्ज की गयी। हालांकि कुछ राज्यों और संक्रमित क्षेत्रों में फिर से लॉकडाउन लगाये जाने से खपत तेजी पर अंकुश लगा।

आधिकारिक आंकड़े के अनुसार जुलाई में ईंधन की मांग घटकर 1.567 करोड़ टन रही जो एक साल पहले 2019 के इसी महीने में 1.775 करोड़ टन के मुकाबले 11.7 प्रतिशत कम है। वहीं इस बार जून में 1.624 करोड़ टन के मुकाबले जुलाई में खपत 3.5 प्रतिशत कम रही। पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़े के अनुसार देश के ईंधन की कुल खपत में करीब 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले डीजल की खपत जुलाई महीने में सालाना आधार पर 19.25 प्रतिशत घटकर 55.2 लाख टन रही। जून महीने में डीजल की खपत 63 लाख टन थी। पेट्रोल की मांग जुलाई महीने में सालाना आधार पर 10.3 प्रतिशत घटकर 22.6 लाख टन रही। यह जून के 22.8 लाख टन के मुकाबले 0.8 प्रतिशत कम है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार औद्योगिक उत्पादन जून महीने में 16.6 प्रतिशत घटा। जबकि मई और अप्रैल में इसमें क्रमश: 30 प्रतिशत और 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी थी। आंकड़ों के अनुसार नाफ्था की मांग जुलाई में एक साल पहले इसी महीने के मुकाबले 12.3 प्रतिशत घटकर 12.8 लाख टन रही। हालांकि जून की तुलना में इसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सड़क बनाने में काम आने वाला तारकोल की मांग सालाना आधार पर 4.4 प्रतिशत घटकर 3,89,000 टन रही। पिछले महीने जून के मुकाबले इसमें करीब 45 प्रतिशत की गिरावट आयी। रसोई गैस (एलपीजी) एकमात्र ईंधन रही जिसकी मांग बढ़ी है। इसका मुख्य कारण सरकार की तरफ से कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिये जरूरतरमंदों को मुफ्त में रसोई गैस उपलब्ध कराना है। एलपीजी की बिक्री जुलाई में 2.3 प्रतिशत बढ़कर 22.7 लाख टन रही।

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