वसा चिकनाई, चीनी और नमक (एफएसएस) की खपत और भारतीय आबादी के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव विषय पर 11 सदस्यीय समिति की इस रिपोर्ट में अस्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों की खपत को कम करने की जरूरत बतायी गई ताकि कैंसर और मधुमेह जैसे गंभीर बीमारियों का जोखिम कम हो। एफएसएसएआई ने इस समिति में चिकित्सा, पोषण और आहार क्षेत्र जैसे विभिन्न क्षेत्रों तथा प्रख्यात मेडिकल शोध एवं अकादमी संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया था।
एफएसएसएआई ने कहा, रिपोर्ट में संतुलित भोजन के बारे में एक सिफारिश की है उसमें कुल कैलोरी में से करीब 60 से 70 प्रतिशत कार्बोर्हाइड्रेट से, 10 से 12 प्रतिशत प्रोटीन से और 20 से 30 प्रतिशत कैलोरी वसा से हासिल होना चाहिए। समिति नले अत्यधिक प्रसंस्कृत जिंसों खाद्य उत्पादों और चीनी वाले पेय पदार्थों पर अधिक ऊंची दर से कर लगाने की सिफारिश की है। उसका मानना है कि ऐसे उत्पादों का उपभोग कम करने का यह एक व्यावहारिक उपाय हो सकता है।