नई दिल्ली। भारत में मल्टी नेशनल कंपनियों की नींद उड़ाने के बाद बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद अब विदेशों में भी इन कंपनियों को टक्कर दे सकती है। फ्रांस के लग्जरी ग्रुप एलवीएमएच (LVMH) ने पतंजलि में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है, अगर पतंजली फ्रांसिसी कंपनी के ऑफर को मान लेती है तो विदेशों में भी उसका कारोबार फैल सकता है। LVMH ने पतंजली में करीब 3250 करोड़ रुपए के निवेश का ऑफर दिया है।
अंग्रेजी समाचार पत्र ईटी की खबर के मुताबिक LVMH में एल केटरटन एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर रवि ठाकरन के ने कहा है कि पतंजली के साथ उनको व्यापार का अगर कोई मॉडल मिलता है तो वह उसके साथ मिलकर कारोबार करना चाहेंगे, उन्होंने यह भी कहा है कि पतंजली का मॉडल मल्टी नेशनल कंपनियों के साथ या विदेशी पैसे के साथ काम करने का नहीं है लेकिन फिर भी वह इच्छुक हैं, एल केटरन ने पूरे एशियाई मार्केट में करीब 100 करोड़ डॉलर का निवेश किया हुआ है और वह इसका 50 प्रतिशत यानि करीब 50 करोड़ डॉलर पतंजलि में निवेश करने के लिए तैयार हैं।
हालांकि पतंजलि फिलहाल हिस्सेदारी बेचने की योजना नहीं बना रही, हालांकि अपने कारोबार के विस्तार के लिए पतंजलि को फंडिंग की जरूरत है और इसके लिए वह कई बैंकों के साथ बात कर रही है, खबर के मुताबिक पतंजलि के मुख्य कार्यकारी आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि में फंडिंग के लिए किसी तरह की हिस्सेदारी बेचने से इंकार किया है। हालांकि बालकृष्ण ने यह भी कहा है कि वह एल केटरटन के साथ बात करने के लिए तैयार हैं।
बालकृष्ण ने कहा है कि पतंजलि को फौरी तौर पर करीब 5000 करोड़ रुपए की जरूरत है ताकी कंपनी नागपुर, नोएडा, असम, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान में अपने प्लांट लगा सके। बालकृष्ण का कहना है कि उन्हें बैंकों से बिना किसी परेशानी के लोन मिल रहा है, लेकिन फिर भी अगर कोई उनको लोन देना चाहता है तो उनकी शर्त है कि लोन बैंक से कम ब्याज पर देना पड़ेगा और भारतीय करेंसी में देना पड़ेगा।