नई दिल्ली। फ्रांस ने भारत में नोटबंदी की सराहना करते हुए कहा है कि यह एक साहसिक निर्णय है जो यह बताता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चोरी, भ्रष्टाचार तथा कालाधन के खिलाफ कितने प्रतिबद्ध हैं। फ्रांस के विदेश तथा अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री जिएन-मर्क अयराल्ट ने मोदी के विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए उल्लेखनीय सुधार की भी सराहना की। उन्होंने कहा, वे सही दिशा में हैं।
यह भी पढ़ें : बजट में कम हो सकती है कॉरपोरेट टैक्स की दर, नोटबंदी से राहत देने के लिए वित्त मंत्री उठा सकते हैं कदम
मेक इन इंडिया अभियान को भी सराहा
मेक इन इंडिया अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि फ्रांस अपने अनुभव, विशेषज्ञता तथा प्रौद्योगिकी के साथ बड़े सहयोगी की इच्छा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और यूरोपीय संघ को व्यापार बाधा खत्म करने के लिये संयुक्त प्रयास करने चाहिए। साथ ही उन्होंने आयात-निर्यात व्यवस्था को आसान बनाने तथा नियमन के भरोसेमंद होने तथा स्थिरता में सुधार के संदर्भ में सुधारों की वकालत की।
चार दिन की यात्रा पर भारत आये अयराल्ट से जब नोटबंदी पर उनके विचार पूछे गये तो उन्होंने कहा
मैं इस साहसिक निर्णय से प्रभावित हूं। यह बताता है कि प्रधानमंत्री मोदी कैसे कर चोरी, भ्रष्टाचार तथा कालाधन के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध है। इस उपाय का मकसद डिजिटल अर्थव्यवस्था को तेजी से लागू करने के लिये अर्थव्यवस्था को आधुनिक रूप देना है। हम पूरी गंभीरता के साथ इन गतिविधियों को देख रहे हैं।
यह भी पढ़ें : तीन हफ्ते में 45 लोग बन गए लखपति, NPCI ने की नोटबंदी के बाद ई-पेमेंट करने वाले विजेताओं की घोषणा
भारतीय अर्थव्यवस्था उद्यमियों के लिए अच्छी संभावनाओं वाली
- अयराल्ट ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था उद्यमियों के लिये अच्छी संभावनाओं वाली है और हम सरकार के देश के आर्थिक विकास को समर्थन देने की प्रतिबद्धता का विश्वास करते हैं।
- वायब्रेंट गुजरात में भाग लेने आए फ्रांस के मंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंध निरंतर मजबूत हुए हैं।
भारत में फ्रांसिसी कंपनियों ने साढ़े तीन लोगों को दिया रोजगार
- विदेश तथा अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री जिएन-मर्क अयराल्ट ने रेखांकित किया कि फ्रांसिसी कंपनियों की भारत में मजबूत उपस्थिति है और वे निवेश, नवप्रवर्तन और मेक इन इंडिया कर रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि करीब 1,000 फ्रांस की कंपनियां भारत में काम कर रही हैं।
- लगभग 3,50,000 कुशल कामगारों को रोजगार मिला हुआ है और एक आम धारणा यह है कि यह जमीन अवसरों से भरी है।
- हालांकि, द्विपक्षीय व्यापार नरम बना हुआ है जिसका कारण फ्रांसिसी कंपनियों द्वारा मेक इन इंडिया नीति का पूरी तरह से पालन करना है।
- उन्होंने कहा, लेकिन हमें यूरोपीय संघ तथा भारत के बीच संयुक्त प्रयास जारी रखने चाहिए।