नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों का भारतीय पूंजी बाजाऱ में निवेश को लेकर उत्साह लगातार दूसरे महीने अप्रैल में भी बना रहा। मानसून के बेहतर रहने तथा सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों की उम्मीद में उन्होंने 2.2 अरब डालर के निवेश किये।
इससे पूर्व माह में FPI (Foreign Portfolio Investment) ने पूंजी बाजार में शेयर तथा बांड दोनों में 19,967 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
FPI मार्च महीने में शेयरों में शुद्ध रूप से खरीदार रहे। जबकि इससे पहले चार महीनों नवंबर से फरवरी में 41,661 करोड़ रुपए बाजार से निकाले। इस साल अबतक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों FPI ने शेयरों में 12,911 करोड़ रुपए का निवेश किया है जबकि 939 करोड़ रुपए बांड बाजार से निकाले। इससे शुद्ध पूंजी प्रवाह 11,971 करोड़ रुपए रहा।
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बाजार विशेषज्ञो के अनुसार अप्रैल महीने में बड़े पैमाने पर प्रवाह का कारण रिजर्व बैंक द्वारा पांच अप्रैल को 2016-17 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती रही। रिजर्व बैंक ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत कम कर 6.5 प्रतिशत कर दी है, जो पांच साल का न्यूनतम स्तर है।
इसके अलावा मुद्रास्फीति में नरमी समेत सकारात्मक वृहत आर्थिक आंकड़ों तथा मानसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी से भी निवेशकों की धारणा सुधरी है। साथ ही उच्च वृद्धि की उम्मीद तथा रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में और कटौती से भी निवेशकों का उत्साह बढ़ा है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पिछले महीने शेयरों में 8,416 करोड़ रुपए का निवेश किया जबकि बांड में बाजार में यह 6,418 करोड़ रुपए था। इस प्रकार, कुल प्रवाह 14,834 करोड़ रुपए (2.23 अरब डालर) रहा।
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