नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में अबतक भारतीय बाजारों से 929 करोड़ रुपये निकाले हैं। कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच आर्थिक पुनरुद्धार प्रभावित होने की आशंका के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से निकासी कर रहे हैं। इससे पहले मार्च में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 17,304 करोड़ रुपये, फरवरी में 23,663 करोड़ रुपये और जनवरी में 14,649 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से नौ अप्रैल के दौरान विदेशी निवेशकों ने शेयरों से 740 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 189 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 929 करोड़ रुपये रही है। कोटक सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष, बुनियादी शोध प्रमुख रुस्मिक ओझा ने कहा कि कोविड के मामले बढ़ने तथा डॉलर की तुलना में रुपये में गिरावट की वजह से एफपीआई निकासी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मौद्रिक समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ने सबको हैरान करते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) की खरीद की घोषणा की। इसके बाद रुपये में गिरावट आई और यह 72.4 से 74.8 प्रति डॉलर पर आ गया।’’ ओझा ने कहा कि अब अन्य उभरते बाजारों को भी एफपीआई का निवेश मिलना शुरू हो गया है। इस महीने में दक्षिण कोरिया और ताइवान को एफपीआई का निवेश मिला है।
अप्रैल के महीने में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पहली अप्रैल को सेंसेक्स 50 हजार के स्तर से ऊपर बंद हुआ था, हालांकि उसके बाद से इंडेक्स लगातार इस स्तर से नीचे ही बना हुआ है। इसी अवधि में कोरोना के हर दिन आने वाले नए मामलों ने एक लाख का स्तर पार किया जिसके बाद से हर दिन आने वाले मामले फिलहाल इससे ऊपर ही बने हुए हैं। जिसके बाद से निवेशकों के ऊपर अनिश्चितता हावी हो गई है। इसके साथ ही रुपये में कमजोरी का भी असर रहा है।
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