नई दिल्ली। विदेशी निवेशकों ने देश के शेयर बाजारों से इस महीने अभी तक 3,800 करोड़ रुपए की निकासी की है। अन्य उभरते बाजारों की तुलना में देश में वृद्धि कम रहने की संभावनाओं के मद्देनजर विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं।
- हालांकि, चालू महीने के पहले पखवाड़े में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने ऋण बाजारों में शुद्ध रूप से 243 करोड़ रुपए डाले हैं।
- इससे पहले अक्टूबर से दिसंबर के तीन महीनों में एफपीआई ने शेयरों से 31,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
- इससे पहले एफपीआई ने शेयरों में 10,443 करोड़ रुपए डाले थे।
बजाज कैपिटल के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा निदेशक अनिल चोपड़ा ने कहा,
जनवरी में एफपीआई की निकासी की प्रमुख वजह अन्य उभरते तथा विकासशील बाजारों की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की संभावना निचले स्तर पर रहना है।
म्यूचुअल फंड वितरक निवेशकों को आकस्मिक सलाह देने में समर्थ हों
म्यूचुअल फंड एजेंटों के एक संघ ने बाजार नियामक सेबी को सुझाव दिया है कि वह निवेशकों को आकस्मिक सलाह देने के लिए म्यूचुअल फंड वितरकों को अनुमति प्रदान करें। संघ ने इसे खरीदारों के लिए किसी उत्पाद को खरीदने की आवश्यक शर्त बताया है।
- सेबी ने अक्टूबर में सलाह-मशविरा के लिए एक परिचर्चा पत्र जारी किया था, जिसमें प्रस्ताव था कि म्यूचुअल फंड वितरकों को म्यूचुअल फंड उत्पादों के संबंध में आकस्मिक सलाह देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
- प्रस्ताव के अनुसार जो वितरक सलाह देना चाहते हैं उन्हें सेबी के तहत पंजीकरण कराना होगा। इस पर नवंबर तक लोगों से टिप्पणियां देने को कहा गया था।
- मौजूदा नियमों के तहत एक वितरक को यह सुनिश्चित करना होता है कि निवेशक एक उचित और अच्छा उत्पाद खरीदे।