नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जनवरी में भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 14,649 करोड़ रुपये का निवेश किया है। दुनिया भर में मौजूदा लिक्विडिटी के ऊंचे स्तरों के बीच एफपीआई उभरते बाजारों में लगातार पैसा लगा रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 29 जनवरी तक एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 19,473 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वहीं दूसरी तरफ निवेशकों ने इसी अवधि के दौरान ऋण या बांड बाजार से 4,824 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 14,649 करोड़ रुपये रहा।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों और सरकारों द्वारा कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रोत्साहन उपाय किए गए हैं, इससे वैश्विक वित्तीय बाजारों में अतिरिक्त लिक्विडिटी मौजूद है। ऐसे में विदेशी निवेशक उभरते बाजारों में निवेश कर रहे हैं, जिसका लाभ भारत को भी मिल रहा है।’’ जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि बजट प्रस्तावों को लेकर अनिश्चितता की वजह से एफपीआई अभी बाजार की दिशा को लेकर असमंजस में हैं। इस वजह से पिछले कुछ दिन से वे बिकवाली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर और दिसंबर में उभरते बाजारों में भारत को एफपीआई से सबसे अधिक निवेश मिला है। इसी वजह से सेंसेक्स 50,000 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। उन्होंने कहा, ‘‘अब बजट को लेकर अनिश्चितता की वजह से एफपीआई मौजूदा स्तर पर मुनाफा काट रहे हैं।’’
ये लगातार चौथा महीना रहा है जब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में शुद्ध खरीदारी की है। दिसंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजारों में 68558 करोड़ रुपये का निवेश किया वहीं निवेशकों ने अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये तथा नवंबर में 62,951 करोड़ रुपये निवेश किया। एफपीआई ने साल 2020 में भारतीय शेयर बाजार में 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश किया था।