नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अगले माह रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद और वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच शेयर बाजारों में पिछले चार कारोबारी सत्रों में 4,100 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। हालांकि, विदेशी निवेशकों ने इस दौरान डेट मार्केट में से 746 करोड़ रुपए निकाले भी हैं।
मार्च के महीने में विदेशी संस्थागत निवेशक एक बार फिर भारतीय बाजार में खरीदार बनकर लौटे हैं, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और वैश्विक सुस्ती से आशंकित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) पिछले दो महीने से बिकवाल बने रहे और इन्होंने 16,648 करोड़ रुपए की निकासी इन बाजारों से की। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में राजकोषीय घाटे पर काबू पाने की वचन बद्धता बाजार के लिए सकारात्मक साबित हुई है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आई रिकवरी से भी भारतीय बाजार में खरीदारी लौटी है।
जियोजित बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के बुनियादी अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, एफपीआई अन्य बाजारों की तुलना में तेजी से भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिसका प्रमाण इस सप्ताह बाजार में उनका निवेश है। वैश्विक बाजारों में स्थिरता के संकेत और एक अनुशासित आम बजट ने भारतीय बाजार को लाभ की स्थिति में ला दिया है। डिपॉजिटरियों के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एक से चार मार्च के दौरान शेयर बाजारों में 4,129 करोड़ रुपए का निवेश किया, जबकि इस दौरान उन्होंने डेट मार्केट से 747 करोड़ रुपए की निकासी की, जिससे शुद्ध प्रवाह 3,382 करोड़ रुपए रहा। इससे पहले, एफपीआई ने जनवरी में शेयर बाजारों से 11,126 करोड़ रुपए और फरवरी में 5,521 करोड़ रुपए की निकासी की थी।