नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले पांच कारोबारी दिनों में भारतीय पूंजी बाजार में करीब 4,800 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि अक्टूबर में इन्होंने भारी निकासी की थी। इसकी अहम वजह कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी आना और रुपए का मजबूत होना है।
अक्टूबर में एफपीआई ने 38,900 करोड़ रुपए की निकासी की थी, जो पिछले दो साल में की गई सबसे तेज निकासी थी। इससे पहले सितंबर में भी एफपीआई ने 21,000 करोड़ रुपए की निकासी की थी। जबकि जुलाई और अगस्त में एफपीआई ने 7,500 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार एक से नौ नवंबर के बीच एफपीआई ने शेयर बाजार में 215 करोड़ रुपए का निवेश किया, जबकि ऋण बाजार में 4,557 करोड़ रुपए निवेश किए। इस प्रकार कुल निवेश 4,772 करोड़ रुपए रहा। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें नीचे आने और प्रतिफल में गिरावट की वजह से यहां नकदी संबंधी चिंताएं कुछ कम हुई हैं।
इसके अलावा अक्टूबर में जीएसटी संग्रह भी 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक होने से भारतीय बाजार के प्रति निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर में 67.45 लाख कारोबारियों ने जीएसटी रिटर्न फाइल किया और 100710 करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया। हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस साल अब तक पूंजी बाजार से 95,000 करोड़ रुपए की निकासी की है। इसमें 41,900 करोड़ रुपए शेयर बाजार से और 53,600 करोड़ रुपए ऋण बाजार से निकाले गए हैं।