नई दिल्ली। सरकार की गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) योजना का चौथा चरण आज से शुरू हो गया। इसके माध्यम से सरकार बड़ी संख्या में निवेशकों को आकर्षित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है ताकि देश में गोल्ड धातु की मांग को कम किया जा सके। अभी देश को बड़े पैमाने पर सोने का आयात करना होता है जिसके चलते देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भारी बोझ पड़ता है। सरकार ने इसके लिए 3,119 रुपए प्रति ग्राम की दर तय की है। कोई निवेशक न्यूनतम एक ग्राम और अधिकतम 500 ग्राम गोल्ड के लिए इसमें निवेश कर सकता है। यह योजना 22 जुलाई तक खुली रहेगी।
पिछले तीन चरणों में इस योजना के तहत 1,318 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। यह उस समय की कीमत के हिसाब से 4.9 टन गोल्ड के बराबर है। सरकार को चौथे चरण में ज्यादा निवेश होने की उम्मीद है। एसजीबी की खरीद एनएसई, बीएसई के अलावा सभी बैंक शाखाओं, चुनींदा डाकघरों और स्टाक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल) से की जा सकती है।
एक्सपर्ट के मुताबिक गोल्ड में निवेश फायदे का सौदा साबित हो सकता है, क्योंकि ग्लोबल स्तर पर जारी अनिश्चितता के कारण गोल्ड की कीमत साल के अंत तक 36,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच सकती है। बीते एक साल में गोल्ड ने निवेशकों को 15 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। ऐसे में अगर आप मौके फायदा उठाने से चूक गए हैं तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आपके लिए गोल्डन चांस है।
सोना हो सकता है 36 हजारी
एंजेल ब्रोकिंग के एसोसिएट डायरेक्टर (कमोडिटी एंड करेंसी) नवीन माथुर ने कहा कि ग्लोबल मार्केट में मौजूदा अनिश्चितता खास कर ब्रेक्सिट और करेंसी में उतार-चढ़ाव के कारण सोने की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है। उन्होंने कहा कि छोटी अवधि के दौरान ग्लोबल मार्केट में सोना 1400 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच सकता है। वहीं एक से दो महीने में सोना 1500 डॉलर प्रति औंस के स्तर भी कारोबार करता नजर आ सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई तेजी का असर घरेलू बाजार पर पड़ेगा और 2016 के अंत तक सोने की कीमत 36,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच जाएगी। माथुर का मानना है कि यूरोजोन में अनिश्चितता अगले एक साल तक जारी रहने वाला है।
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