दोहा। दुनिया के बड़े तेल उत्पादक देशों के बीच तेल उत्पादन में कटौती को लेकर सहमति बन गई है। इससे अब बार-बार पेट्रोल और डीजल के सस्ते होने के संभावना भी खत्म होती दिख रही है। रूस और सऊदी अरब समेत कतर तथा वेनेजुएला ने तेल उत्पादन को जनवरी के स्तर पर बनाए रखने पर अपनी हामी भरी है। इस फैसले की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 30 डॉलर और ब्रेंट क्रूड की कीमत 35 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई है।
दोहा में आयोजित इस बैठक में ईरान ने भाग नहीं लिया। पश्चिमी देशों से प्रतिबंध हटने के बाद ईरान अपना निर्यात बढ़ाने की कोशिश में जुटा हुआ है। सऊदी अरब, रूस, कतर और वेनेजुएला के तेल मंत्री इस महीने के शुरुआत में भी एक बैठक कर चुके हैं। पिछले एक दशक में सबसे कम स्तर पर तेल की कीमतों को सुधारने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।
तस्वीरों में देखिए क्रूड से जुड़े फैक्ट्स
Facts of Crude oil
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IndiaTV Paisa
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कीमतों में सुधार के लिए उठेंगे कड़े कदम
सऊदी अरब के तेल मंत्री अली अल-नैमी ने कहा कि जनवरी के स्तर पर तेल उत्पादन बनाए रखना एक बड़ा कदम है और कीमतों को स्थिर बनाने के लिए आने वाले महीनों में और भी कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अन्य तेल उत्पादक देश भी इस प्रस्ताव पर सहमत होंगे। वेनेजुएला के तेल मंत्री यूलोगियो डेल पीनो ने कहा कि बुधवार को इस संबंध में ईरान और ईराक से बातचीत की जाएगी। ईरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से खो चुके बाजार हिस्सेदारी को फिर से हासिल करने में जुटा है, जनवरी में ही ईरान पर से प्रतिबंध खत्म किए गए हैं।
तेल उत्पादक देशों को हो रहा है भारी घाटा
तेल उत्पादन बढ़ने से क्रूड ऑयल के दाम 30 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं, जिसकी वजह से तेल उत्पादक देशों को भारी नुकसान हो रहा है। क्रूड ऑयल की कीमत घटने से सबसे ज्यादा वेनेजुएला को नुकसान हुआ है। वहीं रूस को भी अपना बजट संतुलित करने की जरूरत है, क्योंकि इस साल वहां चुनाव हैं। सऊदी अरब की वित्तीय स्थिति भी बहुत खराब हो चुकी है, पिछले साल उसे 98 अरब डॉलर का बजट घाटा हुआ है और इस साल वह इसे सुधारना चाहता है।