नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कथित तौर पर कहा कि सिंडिकेट बैंक के पूर्व चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक (CMD) एस के जैन को प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 2 करोड़ डॉलर के वाणिज्यिक ऋण प्रस्ताव को मंजूरी देने के एवज में बिचौलिए से मोटी रकम मिली थी। CBI ने कहा कि जैन को साल 2014 में बिचौलिए से 1.25 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे।
CBI ने जैन के साले के पास से कथित तौर पर पचास लाख रुपए बरामद होने के बाद जैन को गिरफ्तार किया था। CBI ने एक अन्य कंपनी भूषण स्टील से भी जैन को घूस मिलने का दावा किया था। जांच एजेंसी ने प्रकाश इंडस्ट्रीज और भूषण स्टील से घूस लेने के आरोप में जैन के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। CBI में मौजूद सूत्रों ने दावा किया कि था कि जैन की गिरफ्तारी के बाद प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड से प्राप्त रिश्वत की जांच हो रही है।
हाल में CBI ने इस मामले में विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। इसमें जैन, पीआईएल के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक वेद प्रकाश अग्रवाल, कंपनी के सलाहकार विपुल अग्रवाल, चार्टर्ड एकाउंटेंट पवन बंसल और जैन के साले विनीत गोधा समेत अन्य के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान CBI ने दावा किया कि एक चार्टर्ड एकाउंटेंट के द्वारा जैन को 1.25 करोड़ रुपए से अधिक का अवैध भुगतान किया गया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रकाश इंडस्ट्रीज की ओर से बिचौलिए की भूमिका निभा रहा था। CBI ने अपने आरोप पत्र में पटियाला अदालत के विशेष न्यायाधीश को बताया कि 2 करोड़ डॉलर के ऋण प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए जैन, अग्रवाल, विपुल, बंसल और गोधा ने आपराधिक षड्यंत्र रचा।
CBI ने यह भी दावा किया है कि जांच के दौरान उसने पाया कि भोपाल में बंसल ने गोधा के माध्यम से जैन को 1.25 करोड़ रुपए पहुंचाए। उल्लेखनीय है कि भूषण स्टील की ऋण सुविधाओं को मंजूरी देने के एवज में 50 लाख रुपए की रिश्वत प्राप्त करने के आरोप में जैन को गिरफ्तार किया गया था। CBI ने 2 अगस्त 2014 को उन्हें गिरफ्तार किया था।
यह भी पढ़ें : होमलोन और कारलोन की EMI घटने की उम्मीद कम, RBI की तरफ से ब्याज दरों में कटौती के कम आसार
यह भी पढ़ें : आधार को पैन से जोड़ने के लिए मिल सकता है 3-6 माह का समय, SC के फैसले का इंतजार