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RBI के पूर्व गवर्नर राजन ने नोटबंदी के तात्कालिक नुकसानों को लेकर सरकार को किया था आगाह

RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी की लागत के बारे में सरकार को सावधान करते हुए कहा था कि नोटबंदी के मुख्य लक्ष्यों को पाने के अन्य विकल्प भी हैं।

Manish Mishra
Published : September 04, 2017 17:51 IST
RBI के पूर्व गवर्नर राजन ने नोटबंदी के तात्कालिक नुकसानों को लेकर सरकार को किया था आगाह
RBI के पूर्व गवर्नर राजन ने नोटबंदी के तात्कालिक नुकसानों को लेकर सरकार को किया था आगाह

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी की लागत के बारे में सरकार को सावधान किया था तथा कहा था कि नोटबंदी के मुख्य लक्ष्यों को पाने के अन्य बेहतर विकल्प भी हैं। राजन ने अपनी पुस्तक ‘आय डू वाट आय डू: ऑन रिफार्म्स रिटोरिक एंड रिजॉल्व’ में यह खुलासा किया है। इसके अनुसार 2013 से 2016 तक RBI के गवर्नर रहे राजन ने बिना पूरी तैयारी के नोटबंदी करने के परिणामों के प्रति भी सरकार को आगाह किया था।

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राजन ने लिखा है कि मुझसे सरकार ने फरवरी 2016 में नोटबंदी पर दृष्टिकोण मांगा जो मैंने मौखिक दिया था। दीर्घकालिक स्तर पर इसके फायदे हो सकते हैं पर मैंने महसूस किया कि संभावित अल्पकालिक आर्थिक नुकसान दीर्घकालिक फायदों पर भारी पड़ सकते हैं। इसके मुख्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के संभवत: बेहतर विकल्प थे।

राजन ने बताया कि उन्होंने सरकार को एक नोट दिया था जिसमें नोटबंदी के संभावित नुकसान और फायदे बताये गए थे तथा समान उद्देश्यों को प्राप्त करने के वैकल्पिक तरीके बताये गये थे। उन्होंने आगे कहा, यदि सरकार फिर भी नोटबंदी की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है तो इस स्थिति में नोट में इसकी आवश्यक तैयारियों और इसमें लगने वाले समय का भी ब्यौरा दिया था। RBI ने अपर्याप्त तैयारी की स्थिति में परिणामों के बारे में भी बताया था।

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उन्होंने कहा कि सरकार ने इन मुद्दों पर विचार करने के लिए इसके बाद एक समिति गठित की थी। मुद्रा संबंधी मामलों को देखने वाले RBI के डिप्टी गवर्नर इसकी सभी बैठकों में शामिल हुए थे और मेरे कार्यकाल में कभी भी RBI को नोटबंदी पर निर्णय लेने के लिए नहीं कहा गया था। राजन के नोटबंदी संबंधी ये खुलासे इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि RBI ने पिछले ही महीने कहा कि 500 रुपए और 1000 रुपए के प्रचलन से बाहर किए गए 99 प्रतिशत नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं।

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