मुंबई। विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का क्रम जारी है और यह 11 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 1.267 अरब डॉलर बढ़कर 397.351 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
रिजर्व बैंक के मुताबिक मुख्य मुद्रा परिसंपत्तियों और सोने के दाम में वृद्धि से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। इससे पहले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.68 अरब डॉलर बढ़कर 396.084 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
रिजर्व बैंक ने कहा कि आलोच्य सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.087 अरब डॉलर बढ़कर 371.379 अरब डॉलर पर पहूंच गई। विदेशी मुद्रा आस्तियां विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा होती हैं। इससे पहले 13 अप्रैल 2018 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 426.028 अरब डॉलर के शिखर पर पहुंच गया था। उसके बाद से इसमें उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच जाने के बाद रुपए में उतार-चढ़ाव को शांत करने के लिए रिजर्व बैंक को बड़ी मात्रा में डॉलर को बेचना पड़ा, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार नीचे आ गया। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान रिजर्व बैंक ने रुपए को गिरने से बचाने के लिए 34 अरब डॉलर से अधिक बाजार में झोंके।
रिजर्व बैंक ने कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 15.44 करोड़ डॉलर बढ़कर 21.844 अरब डॉलर पर पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने करीब एक दशक बाद सोने की खरीद शुरू की है। जून 2018 में समाप्त वर्ष (रिजर्व बैंक जुलाई से जून वित्त वर्ष अपनाता है) के दौरान रिजर्व बैंक ने 8.46 मीट्रिक टन सोने की खरीद की। रिजर्व बैंक के पास अब कुल 566.23 टन सोना है। रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि यह खरीद विदेशी मुद्रा आस्तियों में विविधता लाने के लिए की गई है।
आलोच्य सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से विशेष निकासी अधिकार 90 लाख डॉलर बढ़कर 1.471 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास देश की ओर से आरक्षित भंडार इस दौरान 1.63 करोड़ डॉलर बढ़कर 2.656 अरब डॉलर पर पहुंच गया।