मुंबई। अगले हफ्ते मंगलवार से शुरू हो रही वैश्विक नेताओं की बैठक दावोस सम्मेलन से पहले ही मोदी सरकार के नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। मंगलवार को अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रिकॉर्ड का उल्लेख कर सकते हैं। इस बैठक में 70 बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे, फ्रांस के एमैनुअल मैक्रोन, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडेउ और इजरालय के पीएम बेंजामिन नेतान्याहू प्रमुख हैं।
इस बैठक के शुरू होने से ठीक चार दिन पहले भारत ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है, जो इतिहास में पहली बार हुआ है। 12 जनवरी को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.7 अरब डॉलर बढ़कर 413.825 अरब डॉलर के नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। इसके बढ़ने के पीछे मुख्य कारण सरकार की सुधारात्मक नीतियों की वजह से विदेशी निवेशकों के बीच रुझान बढ़ना है, जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा आस्तियों में लगातार तेजी देखी जा रही है।
इससे पिछले हफ्ते में भी देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.758 अरब डॉलर बढ़कर 411.124 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। मुद्राभंडार ने पहली बार आठ सितंबर 2017 को 400 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाघीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा, यानी विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.685 अरब डॉलर बढ़कर 389.834 अरब डॉलर हो गईं। अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाले एफसीए में मुद्राभंडार में रखे गए यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्राओं में तेजी व कमी के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
आरबीआई ने बताया कि इस दौरान देश का सोने का भंडार 20.421 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित बना रहा। रिजर्वबैंक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ देश का विशेष निकासी अधिकार 62 लाख डॉलर बढ़कर 1.520 अरब डॉलर हो गया। वहीं दूसरी ओर आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 93 लाख डॉलर बढ़कर 2.048 अरब डॉलर हो गया।