नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.207 अरब डॉलर बढ़कर एक बार फिर 400 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा आस्तियों में वृद्धि होने से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 400.489 अरब डॉलर हो गया, जो 28,723.9 अरब रुपए के बराबर है।आईएमएफ के मुताबिक जून 2018 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 10.9 अरब डॉलर था, जो भारत की तुलना में काफी कम है।
इससे पहले के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 81.95 करोड़ डॉलर घटकर 399.282 अरब डॉलर रह गया था। आरबीआई के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में ओवरऑल भंडार में प्रमुख हिस्सेदारी विदेशी मुद्रा संपत्ति 1.055 अरब डॉलर बढ़कर 376.154 अरब डॉलर पर पहुंच गई, जो 26,994.2 अरब रुपए के बराबर है।
केंद्रीय बैंक के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और भंडार में मौजूद पौंड, स्टर्लिंग, येन जैसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का इस पर सीधा असर पड़ता है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार ने 13 अप्रैल, 2018 को समाप्त सप्ताह में 426.028 अरब अमरीकी डॉलर का रिकॉर्ड स्तर छुआ था, लेनिक उसके बाद से इसमें उतार-चढ़ाव जारी है।
विदेशी मुद्रा विश्लेषकों के मुताबिक, मुद्रा भंडार में गिरावट का मुख्य कारण रुपए की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार में हस्तक्षेप करना था।
समीक्षाधीन सप्ताह में,स्वर्ण आरक्षित भंडार 14.4 करोड़ अमरीकी डॉलर बढ़कर 20.378 अरब डॉलर हो गया, जो 1,445.5 अरब रुपए के बराबर है।
सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ देश का विशेष निकासी अधिकार 28 लाख डॉलर बढ़कर 1.478 अरब डॉलर हो गया, जो 106.2 अरब रुपए के बराबर है। शीर्ष बैंक ने कहा कि आईएमएफ के साथ देश का आरक्षित भंडार भी 49 लाख डॉलर बढ़कर 2.478 अरब डॉलर हो गया, जो 178.0 अरब रुपए के बराबर है।