नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 3.108 अरब डॉलर बढ़कर 516.362 अरब डॉलर के नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले, तीन जुलाई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार 6.416 अरब डॉलर बढ़कर 513.54 अरब डॉलर हो गया था। देश का विदेशी मुद्रा भंडार पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार 500 अरब डालर के पार निकला था। उस समय यह 8.223 अरब डॉलर बढ़कर 501.703 अरब डॉलर पर पहुंचा था। दस जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का कारण फॉरेन करंसी एसेट्स (एफसीए) में वृद्धि है। कुल भंडार में इसकी हिस्सेदारी सर्वाधिक है। रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 2.372 अरब डॉलर बढ़कर 475.635 अरब डॉलर पर पहुंच गई।
केंद्रीय बैंक के अनुसार इस दौरान स्वर्ण भंडार 71.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 34.729 अरब डॉलर रहा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 50 लाख डॉलर बढ़कर 1.453 अरब डॉलर रहा। सप्ताह में देश का अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास भंडार भी 1.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.545 अरब डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार में मजबूती भारत जैसे अर्थव्यवस्थाओं के लिए काफी मजबूत संकेत है। फिलहाल भारत के पास जितना भी भंडार मौजूद है वो एक साल से भी ज्यादा वक्त के इंपोर्ट बिल के लिए पर्याप्त है।